Getting My Shiv chaisa To Work
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कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम more info दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।